Friday, September 2, 2011

पा ही जाता होगा...

जब भी अपनी सार्थक सृजनता में,
कुछ खोजने लगता होगा,
तो पा ही जाता होगा,
अपनी आत्मा,
वो भी,
ऐसे ही,
जैसे प्रार्थना,
तप में लीन साधना,
कोई साधक करता होगा ,
इश्वर से एक होने की प्रसन्नता में !!!

4 comments:

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सुन्दर...

डॉ. मोनिका शर्मा said...

Sunder Gahre Bhav...

Maheshwari kaneri said...

गहन अनुभूति लिए सुन्दर प्रस्तुति....

Suresh kumar said...

गहरे भाव छिपे हैं इस रचना में......
बहुत सुन्दर .....

www.hamarivani.com