जब भी अपनी सार्थक सृजनता में,
कुछ खोजने लगता होगा,
तो पा ही जाता होगा,
अपनी आत्मा,
वो भी,
ऐसे ही,
जैसे प्रार्थना,
तप में लीन साधना,
कोई साधक करता होगा ,
इश्वर से एक होने की प्रसन्नता में !!!
कुछ खोजने लगता होगा,
तो पा ही जाता होगा,
अपनी आत्मा,
वो भी,
ऐसे ही,
जैसे प्रार्थना,
तप में लीन साधना,
कोई साधक करता होगा ,
इश्वर से एक होने की प्रसन्नता में !!!
4 comments:
सुन्दर...
Sunder Gahre Bhav...
गहन अनुभूति लिए सुन्दर प्रस्तुति....
गहरे भाव छिपे हैं इस रचना में......
बहुत सुन्दर .....
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