Thursday, September 8, 2011

करो प्रतीक्षा...!

प्रेरित होगा नूतनतम को
जो है आज पुरातन ,
सृजन करेगा , संशय मन में ,नवचेतन ...
करो प्रतीक्षा , आज उद्विग्न जो,
होगा स्थिर कल वो...
एक पल भाषित कर..
कर देगा ...
सरल सर्वस्व अधम को....!!!

8 comments:

Sunil Kumar said...

एक पल भाषित कर..
कर देगा ...
सरल सर्वस्व अधम को....!!!
सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई

S.N SHUKLA said...

ख़ूबसूरत रचना , सुन्दर प्रस्तुति

Maheshwari kaneri said...

सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई

Nidhi said...

जो बीतता है ..पुराना होता है वो नव सृजन को स्थान देता है ...सुन्दर रचना!!

Rajiv said...

"प्रेरित होगा नूतनतम को
जो है आज पुरातन ,
सृजन करेग.."
उम्मीद की ओर ले जाती एक सकारात्मक सोच से पूर्ण रचना.नूतन जी बधाई.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

एक पल भाषित कर..
कर देगा ...
सरल सर्वस्व अधम को....!!!

इसी पल की प्रतीक्षा सार्थक हो यही प्रार्थना...
सुन्दर रचना..
सादर...

Sumit Pratap Singh said...

:)

devanshukashyap said...

small, but really impressive :)

www.hamarivani.com