Tuesday, July 31, 2012

रास्ते


क्या कभी ये रास्ते
फिर जा सकेंगे ...
उन ढलानों की तरफ
कि जहाँ पर छोड़ आई
मैं
कई क़िस्से
अधूरे ...

Photo: क्या कभी ये रास्ते 
फिर जा सकेंगे ...
उन ढलानों की तरफ 
कि जहाँ पर छोड़ आई 
मैं 
कई क़िस्से
अधूरे ...

5 comments:

अरुण चन्द्र रॉय said...

.. मन को छूती हुई

Prakash Jain said...

Raaste hai adhure...Kyunki Kissey adhure hain...

Sundar

विभूति" said...

खुबसूरत अभिवयक्ति....

Sunil Kumar said...

बहुत ही सुंदर भावाव्यक्ति बधाई

Vinay said...

वाह, लाजवाब!


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