Tuesday, July 31, 2012

कहाँ तक

यहाँ से वहां तक
कहाँ से कहाँ तक
तू हुआ ,ऐ खुदा
ये बता तो ज़रा
इतनी ऊंचाइयां
या वो गहराइयां
... या खला जो नज़र आ रही
दरमियाँ
तू छुपा है भला क्यूँ
सदा इस तरह
हर तरफ हर जगह ...

3 comments:

virendra sharma said...

रचना अच्छी है "ऊंचाइयां "कर लें,उचाइयां के स्थान पर .शब्द ऊंचाई है जिसका बहु वचन होगा ऊंचाइयां .दीर्घ ई का इ हो जाएगा बहुवचन में .

nutan vyas said...

आभार वीरूभाई जी! मैं आपसे क्षमा याचना करते हुए इस भूल को अभी सुधार लेती हूँ !

विभूति" said...

सुन्दर रचना.....

www.hamarivani.com