शब्द मेरा उत्साह ... छंद मेरी वेदना , जीवन मरण ये असाध्य दुःख , केवल कविता ही आत्म सुख !!!
कल 21/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
sunder abhivyakti...
मेघ जल बरसा,बुझा -अंतरित तृष्णा! सुंदर पंक्तियां , बधाई
megh jal barsa sundar kavita.
सुन्दर अभिव्यक्ति ....
वाह! सुन्दर अभिव्यक्ति...सादर...
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6 comments:
कल 21/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
sunder abhivyakti...
मेघ जल बरसा,
बुझा -
अंतरित तृष्णा!
सुंदर पंक्तियां , बधाई
megh jal barsa sundar kavita.
सुन्दर अभिव्यक्ति ....
वाह! सुन्दर अभिव्यक्ति...
सादर...
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