Sunday, October 5, 2008

ख़याल आया,

देख तेरी तस्वीर ये ख़याल आया,
बिछड़ के तुझसे क्यूँ मलाल आया,

यादों का कारवां ले साथ अपने,
आज फिर एक नया साल आया,

मौसम ने बात न की कहा उसपर,
मैं तेरी बात फिर से टाल आया,

करें जो उसकी इबादत तो बुरा क्या,
जो बनके मेरे सामने मिसाल आया!!!

7 comments:

हिन्दीवाणी said...

Very surprising. You are Hindi poetess or Urdu shaira?

nutan vyas said...

want to be both...

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 10/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

विभूति" said...

यादों का कारवां ले साथ अपने,
आज फिर एक नया साल आया,... very nice...

vandana gupta said...

बहुत सुन्दर्।

मेरा मन पंछी सा said...

यादों का कारवां ले साथ अपने,
आज फिर एक नया साल आया,
बहुत सुन्दर्।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

वाह वाह! बहुत सुन्दर अशआर कहे हैं...
सादर बधाई...

www.hamarivani.com