शब्द मेरा उत्साह ... छंद मेरी वेदना , जीवन मरण ये असाध्य दुःख , केवल कविता ही आत्म सुख !!!
मन को उद्वेलित करने वाली मार्मिक कविता....
"समन्दर मे खो कर खुद को खोज ही पाती नहीं होऔर इसलिये शायद कुछ बोल ही पाती नहीं हो"वाह - बहुत खूब
सुन्दर रचना, बहुत सार्थक प्रस्तुति , स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
भावमयी रचना अच्छी लगी , बधाई
Gahan Abhivykti...
http://urvija.parikalpnaa.com/2011/08/blog-post_19.html
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मन को उद्वेलित करने वाली मार्मिक कविता....
"समन्दर मे खो कर खुद को खोज ही पाती नहीं हो
और इसलिये शायद कुछ बोल ही पाती नहीं हो"
वाह - बहुत खूब
सुन्दर रचना, बहुत सार्थक प्रस्तुति
, स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
भावमयी रचना अच्छी लगी , बधाई
Gahan Abhivykti...
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