कुछ सवाल जवाब
मेरे सिरहाने सोये रहते हैं
इस उम्मीद से कि मैं
इन्हें अपने दिल में कोई जगह दूँ ....
मेरे सपनों को नोचते
खरोचते हैं...
पर मैं इन्हें दुत्कार देती हूँ
सदा
क्या खबर
इन सवालों और जवाबों में
खो जाए मेरा वजूद ही....
और मैं रह जाऊं फिर ...अकेली!
2 comments:
बहुत खूब!
सादर
सवाल जवाब में ही तो उलझी है जिन्दगी.....सुन्दर अभिवयक्ति....
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