एक मैं
और मेरा अहम्
उस पर
अहम् का अस्तित्व भी
जीवन भर
संघर्षरत सभी
कोई भी जीते
निश्चित है ,
पराजय मेरी
क्योंकि मन पराधीन ...
चेतन होकर भी !?
और मेरा अहम्
उस पर
अहम् का अस्तित्व भी
जीवन भर
संघर्षरत सभी
कोई भी जीते
निश्चित है ,
पराजय मेरी
क्योंकि मन पराधीन ...
चेतन होकर भी !?