क्यूँ समाधान खोजने निकल पडता है
हर बार ..जीवन ,
क्या मार्ग पर बढ़ते रहना ही नहीं
केवल ध्येय,
क्या लक्ष्य
नहीं कर देता सीमित
मन विराट...
ब्रह्माण्ड सी सोच का
कर रहा जीवन चक्र, ध्येय ,लक्ष्य ...,
....आदर्श विलुप्त ?
... और फिर भी लक्ष्यहीन
भोगता रह जाता
समाधान की खोज भर में
.... आजीवन कारावास ...यह मन
हर बार ..जीवन ,
क्या मार्ग पर बढ़ते रहना ही नहीं
केवल ध्येय,
क्या लक्ष्य
नहीं कर देता सीमित
मन विराट...
ब्रह्माण्ड सी सोच का
कर रहा जीवन चक्र, ध्येय ,लक्ष्य ...,
....आदर्श विलुप्त ?
... और फिर भी लक्ष्यहीन
भोगता रह जाता
समाधान की खोज भर में
.... आजीवन कारावास ...यह मन
2 comments:
सुन्दर अभिव्यक्ति | आभार
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
बेहतरीन अभिव्यक्ति.....
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