कुछ नई बात होती है
अँधेरा भी सुकून देता
जो मुलाक़ात होती है
दरिंदों की नहीं ग़लती
ये उनकी ज़ात होती है
कोई जो होंसला रखले
उसकी कायनात होती है
नहीं है फ़र्क इन में भी
ये शे येही मात होती है
ये भी कोई बात होती है
कभी हँसना कभी आंसू
अजब हयात होती है
सभी से फ़ासला रक्खें
दोस्ती खैरात होती है
गज़ल सौगात होती है
2 comments:
Bahut Khoob.... Sunder Abhivykti...
वाह वाह! बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है आपने....
सादर बधाई...
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