एक सफ़र ऐसा भी हो
न मंजिलें हों
रास्ते ही रास्ते हों
...
पेड़ पत्ती फूल पौधे
आसमानी रंग सारे
कैद हों
विस्तार से
स्मृतियों की
स्लेट पर
गाँव गाँव
देश घर -
विदेश से परे कहीं ....
हों रास्ते ही रास्ते
न मंजिलों के वास्ते
हों दौड़ते भागते ...
हो नया सफ़र हर घड़ी
हर गजर....हो सफ़र ....!See More
न मंजिलें हों
रास्ते ही रास्ते हों
...
पेड़ पत्ती फूल पौधे
आसमानी रंग सारे
कैद हों
विस्तार से
स्मृतियों की
स्लेट पर
गाँव गाँव
देश घर -
विदेश से परे कहीं ....
हों रास्ते ही रास्ते
न मंजिलों के वास्ते
हों दौड़ते भागते ...
हो नया सफ़र हर घड़ी
हर गजर....हो सफ़र ....!See More