Friday, April 13, 2012

सरल साश्वत

रहा
सरल साश्वत
प्रेम तुम्हारा
तब भी ,जब
पथिक जीवन
विकल हो
बदला कण कण ....
हर क्षण
रहा मग्न
खोजने में नींव ही को ...!

No comments:

www.hamarivani.com