Sunday, August 26, 2012

तुम सा बोध ....

क्यूँ नहीं तुम सा
बोध मुझ में
और मुझ सा सामर्थ्य
तुम में
क्या ' तुम ' और ' मैं '
एक नहीं ...
जीवन नेपथ्य में ?

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